गुजरात में 182 विधानसभा सीटों पर हो रहे मौजूदा चुनावी मुकाबले में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही पूरी ताकत लगा रहे हैं। गुजरात की अलग अलग सीटों का अपना मुख्तलिफ चुनावी इतिहास रहा है। लेकिन कुछ सीटें तब बेहद खास हो जाती हैं जब कोई राजनीतिक दल वहां ऐसी किलेबंदी कर लेता है जिससे प्रतिद्वंद्वियों के लिए उसे भेद पाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इन्हीं हॉट सीटों में शुमार है गुजरात की वेजलपुर विधानसभा सीट जिसे भाजपा ने एक अजेय किले के रूप में तब्दील कर दिया है। आइए एक नजर डालें इस विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास पर…
अहमदाबाद जिले की वेजलपुर विधानसभा सीट साल 2012 में सरखेज विधानसभा सीट के विभाजन के बाद अस्तित्व में आई। साल 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से लगातार जीत दर्ज की थी। पिछले दोनों विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किशोर सिंह चौहान पर भरोसा जताया था। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा उम्मीदवार किशोर चौहान और कांग्रेस के मिहिर शाह के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी।
किशोर चौहान इस बार भी प्रबल दावेदार हैं लेकिन देखना बाकी है कि क्या भाजपा यहां से अपने पुराने उम्मीदवार पर ही भरोसा जताएगी या किसी नए चेहरे को टिकट देगी। भाजपा में टिकट को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। किसे मौका दिया जाए इसको लेकर भाजपा में मंथन जारी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में इस बात को लेकर अटकलें हैं कि भाजपा इस बार किसी दूसरे नेता को मौका दे सकती है। माना यह भी जा रहा है कि भाजपा इस बार अमित शाह के खेमे से किसी चेहरे पर दांव आजमा सकती है।
वेजलपुर विधानसभा सीट गांधीनगर संसदीय क्षेत्र के तहत आती है जहां से अमित शाह सांसद हैं। गांधीनगर लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections 2019) गुजरात की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। वेजलपुर विधानसभा सीट से कई चुनावी मुद्दे हैं जिसमें विकास एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है। इस बार आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम ने मैदान में उतरकर चुनावी मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस के सामने भाजपा के इस किले को फतह करने की तो भाजपा के सामने अपने गढ़ पर जीत के क्रम को कायम रखने की चुनौती है।