सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू के बयान से मचा हंगामा थमता नजर नहीं आ रहा है। नया बयान बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का है। उन्होंने रिजिजू पर सीधा निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी कैबिनेट में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम से ज्यादा पर्दादारी है, पहले उसे ठीक करें। किरण रिजिजू उच्च न्यापालिका में जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम व्यवस्था पर इससे पहले कई बार सवाल उठा चके हैं। इसको लेकर राजनीतिक और न्यायिक क्षेत्र में प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।
अपने पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री होने का हवाला देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने रिजिजू से कहा कि अगर आपको बर्खास्त किया जाता है तो मुझे दोष न दें। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू का कहना है कि एससी कॉलेजियम सिस्टम ‘अपारदर्शी’ है। मैं एक पूर्व केंद्रीय कानून कैबिनेट मंत्री के रूप में और सैकड़ों बार अदालतों में बहस कर चुका हूं, मैं कह सकता हूं कि मोदी कैबिनेट सिस्टम कहीं अधिक अपारदर्शी है। तो रिजिजू पहले उसे ठीक करें। अगर आपको बर्खास्त किया जाता है तो मुझे दोष न दें।’
सरकारी बंगला खाली करने को लेकर भी स्वामी की नाराजगी
इससे पहले भाजपा के नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अपने सरकारी बंगला वापस लिए जाने को लेकर अपनी ही पार्टी की केंद्र में सरकार पर हमलावर रहे। अपनी सुरक्षा को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार कोर्ट में भी घसीटा था। कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम करने का वादा किया गया था। सुब्रमण्यम स्वामी का राज्यसभा का कार्यकाल 24 अप्रैल 2022 को खत्म हो चुका है। इस लिए उन्हें सरकारी आवास खाली करने का उनको नोटिस दिया गया था। कोर्ट ने बीते 14 सितंबर को सुब्रमण्यम स्वामी को छह सप्ताह के भीतर अपने सरकारी बंगले का कब्जा संपदा अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया था।
कॉलेजियम सिस्टम पर लगातार सवाल उठा रहे हैं किरण रिजिजू
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरएसएस से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका ‘पांचजन्य’ की ओर से दो सप्ताह पहले आयोजित कार्यक्रम साबरमती संवाद में कहा था कि देश की जनता सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सिस्टम से खुश नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा था कि संविधान की भावना के अनुसार जजों की नियुक्ति सरकार का काम है, जबकि आधे समय न्यायाधीश नियुक्तियों को तय करने के लिए व्यस्त होते हैं। उन्होंने इसके कारण जजों के प्राथमिक काम के प्रभावित होने की बात भी कही थी। वहीं, बीते महीने रिजिजू ने उदयपुर में एक सम्मेलन के दौरान भी कॉलेजियम सिस्टम में सबकुछ साफ नहीं होने या अपारदर्शी होने की बात कही थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।