अगले महीने के पहले ही सप्ताह में होने जा रहे गुजरात चुनाव से ठीक पहले राज्य में दस बार विधायक रहे मोहन राठवा ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। इससे राज्य में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। गुजरात में चुनाव को लेकर सभी दलों का प्रचार अभियान तेजी से जारी है। भाजपा, आम आदमी पार्टी समेत सभी दलों के प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी होने लगी है। इस बीच पार्टी नेता के इस्तीफे से कांग्रेस के सामने नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने भाजपा का साथ पकड़ लिया।
छोटा उदयपुर (अनुसूचित जनजाति) विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहनसिंह राठवा (78) ने अपना इस्तीफा गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठोकर को भेजा। वह अपने गढ़ में आदिवासियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। 2012 से पहले, वे छोटा उदयपुर जिले में पावी-जेटपुर (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया करते थे।
राठवा ने कुछ महीने पहले ही कहा था,”वो अब उम्रदराज हो गए हैं और पिछले 55 सालों से लगातार विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब वो चाहते है कि राज्य में नए चेहरे को जगह मिले। युवाओं को मौका दिया जाना चाहते हैं।” ऐसी चर्चाएं हैं कि वह अपने बेटे राजेंद्र सिंह राठवा को सत्ता सौंपना चाहते हैं। बेटा राजेंद्र पिछले कुछ समय से राजनीति में सक्रियता दिखा रहे हैं और राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेते रहते हैं।
उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि छोटा उदयपुर विधानसभा सीट से उनके बेटे को उम्मीदवार बनाया जाए। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य नारन राठवा ने भी कथित तौर पर अपने बेटे के लिए इसी सीट से टिकट मांगा है।