climate change: संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने मिस्र में महत्वपूर्ण COP27 सम्मेलन में कहा कि युद्ध की तुलना में जलवायु परिवर्तन तीन गुना अधिक विनाशकारी है। लोग जलवायु आपदाओं से ज्यादा विस्थापित होते हैं, क्योंकि वैश्विक निकाय ने दुनिया के लिए “शुरुआती चेतावनी” दी थी। आधी मानवता खतरे में है। उन्होंने कहा कि इस धरती को बचाने का वक्त यही है, अगर अब भी नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी को नरक की आग में धकेलने के लिए तैयार रहें।
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया को ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से तबाही की तरफ ले जाने वाले देशों में चीन सबसे ऊपर है। चीन 15 गीगा टन ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन के साथ अकेले भारत, अमेरिका और यूरोपीय संघ के 27 देशों से ज्यादा उत्सर्जन करता है। अमेरिका दूसरे स्थान पर जबकि भारत इस मामले में तीसरे स्थान पर है।
कोप 27 सम्मेलन में भारत की तरफ से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने हिस्सा लिया। उन्होंने भारत ने हरित ऊर्जा की वकालत की। उन्होंने कहा, हरित क्रांति एक सुखद अहसास है कि चूंकि मानव सभ्यता इस वक्त बड़े संकट में है। यही इसे समाधान की तरफ आगे ले जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने सोमवार की गोलमेज बैठक में संयुक्त राष्ट्र की ‘सभी कार्यकारी कार्य योजना के लिए प्रारंभिक चेतावनी’ का भी समर्थन किया। यह भी कहा, पिछले 15 वर्षों में चक्रवाती तूफानों से मृत्यु दर में 90 प्रतिशत तक की कमी आई है।