Himachal Pradesh 2022 : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम किसके पक्ष में जाएगा इसपर संशय बरकरार है. भाजपा ने जहां यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं कांग्रेस भी अपने पक्ष में वोट करने का पूरा प्रयास कर रही है. मतदान में कुछ दिन ही रह गये हैं और बागियों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ साथ विपक्षी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है. दोनों खेमों के बड़े नेता असंतोष को खत्म करने में दिन-रात लगे हैं.
बगावत की आवाज
कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों के नेता हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से कुछ पर तो बगावत की आवाज को शांत करने में सफल रहे, वहीं उन्हें पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को लेकर असंतोष के स्वर उठाने वाले अपने कुछ नाखुश पूर्व विधायकों और मंत्रियों पर कार्रवाई भी करनी पड़ी. कांग्रेस के सामने अब भी करीब एक दर्जन विद्रोहियों से निपटने की चुनौती है तो उम्मीदवारी के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर के बाद भाजपा को भी करीब 20 असंतुष्टों से निपटना है.
छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित
अनुशासन की बात करने वाली भाजपा ने अपने चार पूर्व विधायकों और एक पार्टी उपाध्यक्ष समेत पांच वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से अलग रुख अपनाने पर छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. कांग्रेस ने भी अपने एक पूर्व मंत्री और राज्य विधानसभा के एक पूर्व उपाध्यक्ष समेत छह नेताओं के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की है. आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश मे 12 नवंबर को मतदान है जबकि वोटों की गिनती 6 दिसंबर को होगी.
विकास चाहते हैं तो गलती न दोहराएं: पीएम मोदी
इधर हिमाचल प्रदेश के लोगों से हर पांच साल में सरकार बदलने की ‘गलती’ नहीं दोहराने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हर हफ्ते नयी दवा लेना बीमारी के इलाज में मददगार साबित नहीं होगी. मंडी जिले में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने मतदाताओं से कहा कि इस प्रदेश में विकास और स्थायित्व लाने के लिए उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ बने रहने की जरूरत है.