महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद चर्चाएं होने लगी थी कि देवेंद्र फडणवीस को फिर मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, तमाम अटकलें गलत साबित हुईं और करीब 40 विधायकों का समर्थन हासिल एकनाथ शिंदे को प्रदेश की कमान सौंपी गई। अब खुद फडणवीस ने खुलासा किया है कि उन्होंने ही शिंदे के नाम का सुझाव दिया था।
शनिवार को एक चैनल से बातचीत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘एक बात में निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला मेरे साथ सलाह कर के ही लिया गया था। यहां तक मैं नेशनल टीवी पर यह भी कह सकता हूं कि वह मेरा ही प्रस्ताव था। मैंने पूछा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए और हमारे नेताओं ने प्रस्ताव को स्वीकर कर लिया। इसलिए निश्चित रूप से यह मेरे लिए चौंकाने वाला नहीं था।’
PM मोदी ने पूरी कर दी बालासाहब की इच्छाएं, एकनाथ शिंदे ने याद की बाल ठाकरे की पुरानी बात
ये थी अटकलें
उस दौरान फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। खबरें थी कि वह सरकार से बाहर रहने पर विचार कर रहे थे, लेकिन अचानक घोषणा हुई कि वह डिप्टी सीएम बनेंगे। अटकलें ये भी थी कि उन्होंने यह फैसला केंद्र सरकार के दबाव में आकर लिया था। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी फडणवीस को सरकार में रहने की सलाह दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जा रहा था कि महाराष्ट्र में एमवीए सरकार के बनने के बाद से ही फडणवीस लगातार सीएम के तौर पर वापसी की कोशिश कर रहे थे, लेकिन शिंदे को सीएम बनाने के फैसले ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया था।
क्यों लिया शिंदे के समर्थन का फैसला?
शनिवार को फडणवीस ने कहा, ‘महाराष्ट्र की स्थिति पर विचार करते हुए (शिंदे को समर्थन देने का) फैसला लिया गया था। मैंने सरकार से बाहर रहने का फैसला किया था, ताकि कोई यह न कहे कि हमने सत्ता, लालच के लिए हाथ मिलाया है। मेरे नेताओं ने मुझे कहा कि राज्य में सरकार चलाने के लिए मेरे अनुभव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को बाहर से नहीं चलाया जा सकता है, इसलिए उन्होंने मुझे सरकार में शामिल होने को कहा।’