महाराष्ट्र में एक दक्षिण पंथी नेता के सामने नतमस्तक होने को लेकर मचे बवाल के बाद लेखिका सुधा मूर्ति ने कहा है कि वह उनको नहीं जानती, वह एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं इस कारण उन्होंने झुककर उनको नमस्कार किया। दरअसल, पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में एक दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिडे के पैर छूते हुए सुधा मूर्ति का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिस पर लोगों ने काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
भिडे को हाल ही में राज्य महिला आयोग द्वारा एक महिला पत्रकार से बात करने से इनकार करने के लिए नोटिस भेजा गया था। भिडे ने महिला पत्रकार से बात करने से इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि उन्होंने माथे पर ‘बिंदी’ नहीं लगाई थी। अब जब सुधा मूर्ति का भिडे के साथ यह वीडियो सामने आया तो लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
सुधा मूर्ति ने इस मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा, “मैं उनके व्यक्तिगत विचारों के बारे में नहीं जानती। वे एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं, एक बूढ़े व्यक्ति हैं। एक बुजुर्ग व्यक्ति के पैर छूने की हमारी परंपरा रही है।” उन्होंने सिंधुदुर्ग जिले में पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कही हैं। सुधा मूर्ति की कई किताबों का मराठी में अनुवाद किया गया है। इस दौरान सांगली में एक प्रोमोशनल इवेंट में वह अपने रीडर्स से बात कर रही थीं। उन्होंने बताया कि भिडे ने उनसे मिलने के लिए अपॉइनमेंट मांगी थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया क्योंकि वह व्यस्त थीं।
भिडे के शिव प्रतिष्ठान संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा कि उनके नेता ने छत्रपति शिवाजी महाराज की पूर्व राजधानी रायगढ़ किले में एक स्वर्ण सिंहासन की स्थापना में मदद के लिए सुधा मूर्ति से मुलाकात की थी। हालांकि, सुधा मूर्ति के एक सहयोगी ने कहा कि लेखक को पता नहीं था कि भिड़े कौन हैं और एक वरिष्ठ नागरिक के सम्मान में उन्हें नमन किया गया था।
सुधा मूर्ति, इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक उनके दामाद हैं। बुधवार को तटीय सिंधुदुर्ग जिले के एक मंदिर में सुधा मूर्ति ने अपने दामाद की सलामती के लिए प्रार्थना की।