Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस पर संशय बरकरार है। 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को वोटिंग के बाद 08 दिसंबर को मतगणना के बाद पर्दा आखिरकार उठ ही जाएगा। भाजपा जहां दशकों पुराने रिवाज को तोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है तो दूसरी ओर, कांग्रेस सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए कोई भी मौका छोड़ने के मूड़ में नहीं दिखाई दे रही है।
लेकिन, हैरानी की बात है कि भाजपा, और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने विधानसभा चुनाव-2022 के लिए मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा अभी तक नहीं की है। ‘मुफ्त’ योजना से लेकर कई लुभावने वादों से वोटरों को लुभान का प्रयास भी किया जा रहा है। चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी-आप के चुनावी मैदान में उतरने के बाद कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मदी जताई जा सकती है।
तो दूसरी ओर, भाजपा-कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों के चुनाल लड़ने मुकाबला रोचक होने की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कई बार संकेत भी दिए हैं कि भाजपा हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में ही लड़ रही है जबकि शीष नेतृत्व की ओर से इसपर कुछ भी बयान सामने नहीं आया है।
कांग्रेस सीएम चेहरे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतीभा सिंह का कहना है चुनाव के बाद विधायकों की राय लेने के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के बाद ही मुख्यमंत्री तय करती है। हाईकमान सभी विधायकों की राय लेगा। कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुखी ने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद के नाम की घोषणा नहीं करने पर पार्टी पर हमला बोला है।
‘अगर भाजपा को लगता है कि वह विधानसभा चुनाव-2022 में जीतने वाली है तो सीएम चेहरे की घोषणा अभी तक क्यों नहीं की?’ सुखी। सुखी के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गणेश दत्ता ने कहा कि भाजपा नेतृत्व पर कांग्रेस भ्रम फैलाने का काम कर रही है।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दत्ता कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में सभी को पता है कि मुख्यमंत्री पद पर कांग्रेस में आपसी खींचतान जारी है। कांग्रेस के अंदर पांच से छह उम्मीदवार अपने आप को मुख्यमंत्री की रेस में शामिल मान रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस ने अभी तक मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं की।
जबकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतीभा सिंह का कहना है चुनाव के बाद विधायकों की राय लेने के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा। कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के बाद ही मुख्यमंत्री तय करती है। हाईकमान सभी विधायकों की राय लेगा।
चुनावी प्रचार में कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी आगे
निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीख का ऐलान करने के साथ ही सियासी पारा भी गर्म हो गया था। चुनाव में प्रचार करने के मामले में भाजपा अपनी चीर प्रतिद्वंदी कांग्रेस से आगे है। पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं, तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में डेरा डाला हुआ है।
यही नहीं, भाजपा के दो-दो मुख्यमंत्री भी चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, और उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कई चुनावी जनसभाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रियों ने भी चुनाव प्रचार-प्रसार किया है। कांग्रेस की बात करें तो राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी चुनावी प्रचार में उतरीं हुईं है।