बता दें कि यह एडवाइजरी तब सामने आई जब नौकरी की पेशकश के साथ फर्जी एसएमएस की बात सामने आई। इन एसएमएस में एनआईसी के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा था और लोगों को बड़े स्तर पर इसे भेजा जा रहा था। संचार मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि फर्जी एसएमएस के बारे में सूचना मिलने पर इसकी तत्काल आंतरिक जांच की गई जिसमें पता चला कि यह फर्जी एसएमएस एनआईसी की ओर से नहीं भेजा गया है।
एनआईसी के नाम का दुरुपयोग कर फर्जी एसएमएस साइबर फ्राड की ओर लक्षित कर रहा है। एनआईसी ने बताया कि फर्जी एसएमएस से वित्तीय धोखाधड़ी होने की आशंका है। इन एसएसएस की जानकारी मिलते ही एनआईसी ने तुरंत सीईआरटी-इन को घटना की सूचना दी और अपराधियों की पहचान और मुकदमा चलाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ शिकायत भी दर्ज की है।
एनआईसी ने इसी के साथ ऐसे फर्जी एसएमएस और साइबर फ्राड को रोकने के लिए सीईआरटी-इन से धोखाधड़ी वाले URL को हटाने के लिए समन्वय किया। बता दें कि सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा में अघात पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही युवाओं को आगाह किया था कि ऑनलाइन जॉब फ्रॉड के शिकार होने से बचने के लिए कुछ संकेतों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें जल्दी से अप्वाइंटमेंट लेटर जारी होना, गैर-पेशेवर तरीके से ईमेल शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि गलत ईमेल पाने पर लोग इसकी सूचना साइबर क्राइम विंग को दे सकते हैं। इसके लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायत की जा सकती है।