देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर लेंडर बैंक एचडीएफसी (HDFC) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट यानी MCLR को बढ़ा दिया है। यह उन ग्राहकों के लिए चिंता का विषय है जिन्होंने बैंक से लोन लिया है या भविष्य में लोन लेने की योजना बना रहे हैं। MCLR किसी भी बैंक की ओर से दी जाने वाली होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ली जाने वाली दर को तय करती है। ऐसे में एमसीएलआर रेट बढ़ने से HDFC बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई में इजाफा होगा। इसका सीधा मतलब है कि अब ग्राहकों को प्रत्येक महीने लोन चुकाने के लिए पहले से ज्यादा पैसा देना होगा। बढ़ी हुई नई एमसीएलआर (MCLR) रेट 7 नवंबर से लागू है।
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यहां देखें कितनी बढ़ गई है MCLR रेट
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार अब ओवरनाइट एमसीआलआर रेट 7.90 पर्सेंट से बढ़कर 8.20 पर्सेंट हो गया है। जबकि 1 महीने का एमसीएलआर रेट 8.25 पर्सेंट, 3 महीने का 8.30 पर्सेंट और 6 महीने का 8.40 पर्सेंट हो गया है। वहीं दूसरी ओर एमसीएलआर रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंक ने 1 साल के एमसीएलआर रेट को 8.55 पर्सेंट, 2 साल के एमसीएलआर रेट को 8.65 पर्सेंट और 3 साल के एमसीएलआर रेट को 8.75 पर्सेंट कर दिया है।
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नवंबर महीने में इन बैंकों ने किया MCLR रेट में इजाफा
एचडीएफसी (HDFC) से पहले नवंबर महीने में ही आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने भी अपने एमसीएलआर रेट को बढ़ाया है। ICICI Bank ने सभी समयावधि के लिए एमसीएलआर रेट में 20 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। वहीं दूसरी ओर बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने भी अपने एमसीएलआर रेट में इजाफा किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइंस के अनुसार कोई भी बैंक एमसीएलआर रेट से नीचे अपने ग्राहकों को लोन प्रोवाइड नहीं करा सकती है।