कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को भाजपा के हिमाचल प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के वादे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जब भी भाजपा को वोटों की कमी महसूस होती है तो वह धर्म का मुद्दा उठाती है। आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कह रहे हैं कि पार्टी हिमाचल में समान नागरिक संहिता लाएगी। भाजपा ने केंद्र में 8 साल और हिमाचल प्रदेश में 5 साल पूरे कर लिए हैं। भाजपा ने अब तक समान नागरिक संहिता क्यों नहीं लागू किया? यूसीसी जब एक कानूनी मुद्दा है, तो हर राज्य इसे अलग अलग तरीके से कैसे लागू कर सकता है? भाजपा यूसीसी के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है।
हालांकि अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि सरकार को इस पर आम सहमति बनानी जानी चाहिए और सभी राजनीतिक दलों से इस मसले पर बात करनी चाहिये। यदि इस मसले पर आम सहमति बनती है तो कांग्रेस भी साथ होगी। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता प्रादेशिक स्तर पर नहीं चल सकता है। केंद्र सरकार बीते आठ वर्षों से इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर पाई है। यह भाजपा की जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है।
सिंघवी ने कहा कि यदि सरकार इस मसले पर एक कानून प्रक्रिया बनाने की शुरुआत करती है और इस मसले पर आम सहमति बनाती है तो हम इसका समर्थन करेंगे। यह सहमति सबको नजर भी आनी चाहिए। हम इस तरह के मूर्ख बनाने वाले वक्तव्यों का समर्थन नहीं करेंगे। भाजपा को धर्म और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे मुद्दों की याद तब आती है जब वह हार रही होती है।
सिंघवी की यह टिप्पणी जेपी नड्डा के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भाजपा राज्य की सत्ता में आती है तो समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रविवार को चुनावी घोषणापत्र जारी किया। इसमें समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा भी किया गया है। जेपी नड्डा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा ने जो कहा है, उसे पूरा किया है। भाजपा ने छठी से 12वीं कक्षा की छात्राओं को साइकिल और उच्च शिक्षा हासिल कर रही छात्राओं को स्कूटी देने के वादा भी किया है।