लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल का यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। राज्य सरकार ने अदालत में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को गंभीर अपराध करार दिया। सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि जब तक इस मामले में ट्रायल पूरा नहीं होता, तब तक आशीष मिश्रा को बेल पर जेल से रिहा न किया जाए। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। 3 नवंबर को दाखिल किए गए एफिडेविट में यूपी सरकार ने कहा, ‘अपराध की गंभीरता और याची की आपराधिक पृष्ठभूमि और उसके प्रभाव को देखते हुए यह सही रहेगा कि ट्रायल पूरा होने तक उसे जेल से रिहा न किया जाए।’
यूपी सरकार ने साफ कहा कि इस केस में ट्रायल पूरा होने और आरोप तय होने तक आशीष मिश्रा को बेल न दी जाए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 26 जुलाई को आशीष मिश्रा को बेल देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ आशीष मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान 3 अक्टूबर, 2021 को हिंसा हुई थी। इस दौरान आशीष मिश्रा के पिता से जुड़ी कार से 4 किसानों और एक पत्रकार के कुचले जाने का आरोप लगा था। इस घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसे तीन अन्य लोग भी मारे गए थे।
आशीष मिश्रा पर गवाहों को धमकाने का लगा आरोप